पत्रकारिता का उद्देश्य सामाजिक हो ना की लाभार्जन : सुकुमार रंगनाथन


भारत जनसंचार संस्थान के शैक्षणिक सत्र 2020-21 का उद्घाटन सोमवार को केन्द्रिय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने किया। संस्थान नये सत्र के शुरूआत में पाँच दिनों का सत्रारंभ कार्यक्रम कर रहा है। कार्यक्रम के दूसरे दिन "भारतीय मीडिया में संपादकीय आजादी" विषय पर छात्रों से संवाद करते हुए वरिष्ठ पत्रकार और हिन्दुस्तान टाइम्स के संपादक सुकुमार रंगनाथन ने कहा कि हम जो पत्रकारिता कर रहे हैं और जो आगे करेंगे उसका मूल उद्देश्य समाजिक हो, समाज के हितों को ध्यान में रखकर हो ना कि लाभार्जन के लिये हो।
उन्होंने यह भी कहा कि एक पत्रकार को हमेशा संविधान के दायरे में रहकर काम करना चाहिए, भारत उन कुछ देशों में है जहां आज भी मानहानि एक फौजदारी अपराध है। अब वक्त आ गया है कि हमारे न्याय व्यवस्था को इसपर विचार करना चाहिए।
उन्होंने प्रशिक्षु पत्रकारों को यह सलाह दी कि पत्रकारिता एक मेहनत भरा काम है और अगर हम किसी नीति या व्यक्ति की आलोचना भी करें तो हमें अपने तथ्य मजबूत रखने चाहिए और अधिक से अधिक डाटा आधारित पत्रकारिता करनी चाहिए।
रंगनाथन ने कहा कि समाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार के बीच जो अंतर है उसे हमें समझना होगा। एक समाजिक कार्यकर्ता किसी खास विचारधारा से प्रभावित हो सकता है पर बतौर पत्रकार हम ऐसा नहीं कर सकते। एक बेहतर पत्रकार बनने के लिए हमें पत्रकारिता के मूल्यों को समझना होगा। एक पत्रकार के रूप में हमारा काम है कि हम नीतियों को समझे और उसकी तथ्यात्मक आलोचना करें क्योंकि वो एक बड़े जनजीवन को प्रभावित करेगी। रंगनाथन ने कहा कि हमें समाचार और विचार में फर्क करना आना चाहिए।
आपको बता दें कि इस कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार उमेश उपाध्याय, ऑर्गेनाइजर के संपादक व वरिष्ठ पत्रकार प्रफुल्ल केतकर मौजूद रहें। कार्यक्रम का संचालन संस्थान की प्रोफेसर सुरभि दहिया ने किया।

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